हिंदी न्यूज़तो कभी हमारे सौरमंडल का ग्रह नहीं बन पाएगा प्लूटो लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 10 Mar 2017 01:06 PM आज से कई साल प्लूटो को हमारे सैरमंडल का ग्रह माना जाता था लेकिन साल 2006 में ग्रहों की परिभाषा तय होने पर प्लूटो को ग्रहों की श्रेणी से बाहर कर दिया गया था। हाल ही में यह चर्चा हुई थी कि प्लूटो फिर से ग्रह बन सकता है। पिछले सप्ताह वैज्ञानिकों के एक दल ने प्लूटो को फिर से ग्रह बनाने के लिए ग्रहों की परिभाषा बदलने का प्रस्ताव रखा था। हालांकि काफी शोध के बाद वैज्ञानिकों ने फिर से दावा किया है कि प्लूटो कभी हमारे सौरमंडल का ग्रह नहीं बन सकता। अगर ग्रहों की ताजा परिभाषा को माना जाता है तो प्लूटो ग्रह तो बन जाएगा लेकिन हमारे सौरमंडल में ग्रहों की संख्या 100 से अधिक हो सकती है। ऐसे में कई धूमकेतु और उपग्रह भी ग्रह बन जाएंगे। वैज्ञानिकों का कहना है कि अब प्लूटो को सौर मण्डल के बाहरी काइपर घेरे की सब से बड़ी खगोलीय वस्तु माना जाना चाहिए। इसलिए किया था प्लूटो को बाहर प्लूटो को 24 अगस्त 2006 को ग्रहों की श्रेणी से बाहर किया गया था। इसके लिए प्राग में करीब ढाई हजार खगोलविद इकठ्ठे हुए और इस विषय पर उनका मतदान भी हुआ। अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ की इस मीटिंग में सभी के बहुमत से इस पर सहमति बनी और सौरमंडल के ग्रहों शामिल होने के लिए उन्होंने तीन मानक तय किए हैं। 1. यह सूर्य की परिक्रमा करता हो। 2. यह इतना बड़ा ज़रूर हो कि अपने गुरुत्व बल के कारण इसका आकार लगभग गोलाकार हो जाए। 3. इसमें इतना जोर हो कि ये बाकी पिंडों से अलग अपनी स्वतंत्र कक्षा बना सके। तीसरी अपेक्षा पर प्लूटो खरा नहीं उतरता है, क्योंकि सूर्य की परिक्रमा के दौरान इसकी कक्षा नेप्चून की कक्षा से टकराती है। छात्र ने रखा था प्लूटो का नाम जानिए प्लूटो के वातावरण और उपग्रहों के बारे में
आज के कई युवा जब स्कूल में थे तब उन्हें प्लूटो (Pluto) को ग्रह (Planet) बताया जाता था. लेकिन 2006 के बाद से इस पिंड को ग्रह की श्रेणी से हटा दिया गया और उसे बौना ग्रह (Dwarf Planet) करार दे दिया गया. उसके बाद से तो यह विवाद का विषय ही हो गया. कई खगोलविदों का यह कहना है कि प्लूटो ग्रह ही होना चाहिए. जबकि कई सवाल करते हैं कि इससे क्या फर्क पड़ता है. अंतरिक्ष विज्ञान में सामान्य रुचि रखने वालों के लिए भी यह अजीब है कि आखिर प्लूटो को ग्रह क्यों नहीं माना जाता है. आइए जानते हैं कि इस पर क्या कहता है विज्ञान. कहां हैं प्लूटो निर्विवाद रूप से ग्रह था प्लूटो छोटा होता गया आकार कुछ दिक्कतें यह भी पढ़ें: क्या कहता है विज्ञान: अंतरिक्ष कैसे पहुंचाए जाते हैं उपग्रह तो कौन सा ग्रहअब वैज्ञानिकों के सामने एक यक्ष प्रश्न खड़ा हो गया. क्या प्लूटो और ईरिस दोनों को ही ग्रह घोषित कर दिया जाए. ऐसे में उन सभी पिंडों का क्यो होगा जो प्लूटो से आकार में कुछ ही कम हैं. क्या इन्हें भी ग्रह कहा जाना चाहिए. ऐसे में कितने ग्रहों की नाम याद रख पाएंगे. इसी लिए 2006 में इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन के खगोलविदों को इसके लिए एक मीटिंग रखनी पड़ी. फैसले के लिए हुई मीटिंग बौने ग्रह की श्रेणी यह भी पढ़ें: क्या कहता है विज्ञान- समय की भी है कोई उम्र या अनंत है वह? बेशक 76 साल तक ग्रह कहे जाने वाला प्लूटो ग्रह अब भी कई किताबों में ग्रह माना जाता है. लेकिन यह बहुत से खगोलविदों के लिए अब भी ग्रह की ही तरह है और वे उसका ग्रह की ही तरह अध्ययन भी कर रहे हैं. वहीं कई खगोलविद प्लूटो को फिर से ग्रह की श्रेणी में लाने के लिए प्रयासरत हैं.2015 में नासा का न्यू होराइजन्स अंतरिक्ष यान ने प्लूटो के बारे में बहुत सारी जानकारी भेजी हैं इनसे पता चलता है कि प्लूटो पहाड़ों, ग्लेशियरों, क्रेटर के साथ ही एक पतले वायुमंडल का ग्रह है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी | FIRST PUBLISHED : May 07, 2022, 15:14 IST |